बेरोजगारी के इस आंकड़े ने तो सोचने पर कर दिया विवश

दिव्यांश यादव

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण की दरों में लगातार वृद्धि हो रही है और आम जनों की परेशानियां लगातार बढ़ रही है। अब हमारे बुद्धू बक्से यानी टीवी चैनलों पर मुद्दा कोरोना की रोकथाम से शुरू होकर शराब की बिक्री को मंजूर करने पर चला गया है लेकिन कहीं ना कहीं कोरोना संक्रमण के बढ़ते दर ने भारत को ही नहीं अपितु पूरे विश्व को बुरी तरह प्रभावित कर रखा है।

परंतु जब से बेरोजगारी का नया आंकड़ा आया है, इसने आम आदमी की नींद छीन ली है। दरअसल CMIE ( सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी) जैसी एजेंसी ने भारत के 43,600 व्यक्तियों पर सर्वे किया, इस सर्वे के मुताबिक भारत में हर दूसरा व्यक्ति अप्रैल महीने से बेरोजगार हो चुका है और भारत में बेरोजगारी दर 23।5 फीसदी तक जा पहुंची है, मार्च में भी इसका आंकड़ा चौंकाने वाला था। अगर हम अप्रैल और मार्च के महीनों की तुलना करें तो तकरीबन 11।45 फीसदी बेरोजगारी दर मार्च के मुकाबले अप्रैल में बढ़ी है परंतु सबसे चौंकाने वाली बात बिहार में दिख रही है, यहां पर 46।5 फीसदी बेरोजगारी दर पहुंच चुकी है।

ये बात सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी दिख रही है। आंकड़ों के मुताबिक विश्व में लगभग 1।6 अरब लोग कोरोना संक्रमण की वजह से बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं ।  यहां पर एक बात पर हमें ध्यान देना होगा कि अप्रैल महीने में ऑटोमोबाइल सेक्टर में सबसे ज्यादा घाटा मारुति सुजुकी को हुआ है। दरअसल भारत में तो अप्रैल महीने में मारुति सुजुकी की एक भी कार नहीं बिकी है, अब सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर बेरोजगारी के मुद्दे पर आम आदमी कैसे खुद की जान बचाए या भूखा मरे ?

 

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