प्रधानमंत्री मोदी की दूरदृष्टि से पूर्वोत्तर भारत में अभूतपूर्व विकास: केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी

Unprecedented development in Northeast India due to PM Modi's vision: Union Minister Pralhad Joshiचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: पूर्वोत्तर भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि और समग्र विकास की नीति के तहत तीव्र गति से प्रगति कर रहा है। पर्यटन, उद्योग और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में बड़े निवेश के कारण इस क्षेत्र का चेहरा बदल रहा है। यह बात केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्री प्रह्लाद जोशी ने रविवार को कही।

जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “कभी दशकों तक उपेक्षित रहा पूर्वोत्तर क्षेत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उल्लेखनीय परिवर्तन का साक्षी बना है। नियमित दौरों, समर्पित पहलों और केंद्रित सुशासन ने इस क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास को गति दी है।”

मंत्री ने 15वें ओ.एन.ई. (Our North East) इंडिया अवॉर्ड 2025 समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन पूर्वोत्तर और बाकी भारत के बीच सांस्कृतिक और भावनात्मक पुल को मज़बूत करते हैं।

उन्होंने बताया कि अब पूर्वोत्तर के सभी राज्य रेलवे, हवाई अड्डों और राजमार्गों से जुड़ चुके हैं। “पर्यटन, उद्योग और स्किल डेवलपमेंट में बड़े निवेश हो रहे हैं। हमारा लक्ष्य ऐसा भारत बनाना है, जहाँ हर नागरिक, हर क्षेत्र और हर संस्कृति समान अवसरों के साथ आगे बढ़े,” उन्होंने कहा।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि विकास मंत्रालय (MDoNER) द्वारा पूर्वोत्तर में किए गए खर्च में वित्त वर्ष 2024–25 में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है — यह ₹3,447.71 करोड़ के सर्वाधिक स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 74.4% अधिक और तीन वर्षों में 200% से भी ज़्यादा वृद्धि को दर्शाता है।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया, जो संचार और पूर्वोत्तर विकास मंत्री हैं, ने बताया कि ‘पूर्वोत्तर विकास सेतु’ पोर्टल के माध्यम से डिजिटल ट्रैकिंग और साप्ताहिक समीक्षा तंत्र ने पारदर्शिता और दक्षता में सुधार किया है। इसके तहत 97% परियोजनाओं का निरीक्षण और 91% परियोजनाओं का संचालन सुनिश्चित हुआ है।

एक बड़े प्रशासनिक सुधार के रूप में मंत्रालय ने पर्यटन, निवेश, हस्तशिल्प, कृषि, बुनियादी ढांचा, खेल, पूर्वोत्तर आर्थिक कॉरिडोर और प्रोटीन आत्मनिर्भरता जैसे आठ प्रमुख क्षेत्रों में मुख्यमंत्री-नेतृत्व वाले उच्चस्तरीय टास्क फोर्स गठित किए हैं।

ये टास्क फोर्स न केवल राज्यों के बीच सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि नीतिगत समन्वय और क्षेत्रीय एकीकरण को सुनिश्चित कर रहे हैं, ताकि विकास प्रयास राज्य-सीमाओं तक सीमित न रहकर पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए समग्र रूप से लाभकारी साबित हों।

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