युवा पर्यावरण आंदोलनों में सबसे आगे रहें : उपराष्ट्रपति

Youth should be at the forefront of environmental movements: Vice Presidentचिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति, एम. वेंकैया नायडू ने पर्यावरण की रक्षा के लिए आज एक जन आंदोलन का आह्वान किया और लोगों से विभिन्न संरक्षण कार्यों में स्वेच्छा से भाग लेने का आग्रह किया।

विशेष रूप से, नायडु ने युवाओं का आह्वान किया कि वे पर्यावरण संबंधी आंदोलनों का अग्रसक्रिय होकर नेतृत्व करें और दूसरों को दीर्घकालिक कार्य प्रणाली को अपनाने के लिए प्रेरित करें। उप राष्‍ट्रपति ने कहा, उन्हें लोगों के बीच यह बात पहुंचानी चाहिए कि “अगर हम प्रकृति की देखभाल करते हैं, तो प्रकृति बदले में मानव जाति की देखभाल करेगी”।

नायडू स्वर्गीय पल्ला वेंकन्ना की जीवन कहानी पर आधारित पुस्तक ‘नर्सरी राज्यनिकी राराजू’ के विमोचन के अवसर पर संबोधित कर रहे थे। पल्‍ला वेंकन्‍ना को आंध्र प्रदेश के कदियाम गांव को पौध नर्सरी के लोकप्रिय केन्द्र में बदलने का श्रेय दिया जाता है।

उपराष्ट्रपति ने ‘हरित भारत’ की दिशा में अथक प्रयासों के लिए श्री वेंकन्ना की सराहना की। उन्होंने कहा कि श्री वेंकन्ना, जिन्होंने देश भर से 3000 से अधिक किस्‍मों के पौधे एकत्र किए, उनका मानना ​​था कि ‘अगर हर घर हरा हो सकता है, तो देश हरा हो जाएगा’।

नायडू ने टिप्पणी की, श्री पल्ला वेंकन्ना का जीवन वृत्‍त भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

तेजी से शहरीकरण और वनों की कटाई के प्रभावों का जिक्र करते हुए, श्री नायडू ने कहा कि हाल के दिनों में दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अचानक बाढ़ और भूस्खलन जैसी मौसम की अत्‍यन्‍त कठोर घटनाएं बार-बार होने में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा, “ये स्पष्ट संकेत हैं कि जलवायु परिवर्तन वास्तविक है और यह अब हमेशा की तरह व्यवसाय नहीं हो सकता है”।

नायडु ने कहा कि ऐसी मौसमी घटनाओं को कम करने के लिए आगे बढ़ते हुए यह जरूरी है कि हम प्रकृति के साथ तालमेल बैठाकर रखें। हमें अपनी विकासात्मक जरूरतों को पर्यावरण संरक्षण के साथ संतुलित करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर कोई दीर्घकालिक जीवन के महत्व को समझे। नायडू ने कहा, “सार्थक विकास तभी संभव है जब पर्यावरण के मूल्‍य को ध्यान में रखा जाए ” ।

इस अवसर पर, उन्होंने ‘हरिता हरम’ के अंतर्गत एक आंदोलन के रूप में वृक्षारोपण करने के लिए तेलंगाना सरकार की सराहना की। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी राज्य सरकारों को स्कूल से ही बच्चों में पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण के बारे में जागरूकता पैदा करने की पहल करनी चाहिए।

इस अवसर पर तेलंगाना के गृह मंत्री, मोहम्मद महमूद अली, पूर्व सांसद, उंडावल्ली अरुण कुमार, प्रमुख मनोवैज्ञानिक, डॉ. बी.वी. पट्टाभिराम, एमेस्को बुक्स के सीईओ, विजयकुमार, पत्रकार के. रामचन्द्रमूर्ति, रैथू नेस्तम के संस्थापक, यदलपल्ली वेंकटेश्वर राव, पुस्तक के लेखक वल्लीश्वर, स्वर्गीय पल्ला वेंकन्ना के परिवार के सदस्य और अन्य उपस्थित थे।

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