सीएम योगी आदित्यनाथ बोले, “मजबूत न्यायपालिका से ही सुशासन के लक्ष्य पूरे हो सकते हैं”

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (RMLNLU) के चौथे दीक्षांत समारोह में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने स्नातक छात्रों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विश्वविद्यालय न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि यहां से निकलने वाले विधि स्नातक देश की न्याय व्यवस्था को और मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “भारत में धर्म केवल पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि जीवन जीने का एक मार्ग है। अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना ही सच्चा धर्म है।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि एक सशक्त न्यायपालिका लोकतंत्र की बुनियाद होती है।
“न्यायपालिका जितनी मज़बूत होगी, सुशासन के लक्ष्यों को प्राप्त करना उतना ही आसान होगा,” उन्होंने कहा।
मुख्यमंत्री ने ‘राम राज्य’ के आदर्श का उल्लेख करते हुए कहा कि आज के समय में न्यायपूर्ण और निष्पक्ष शासन की स्थापना आधुनिक सुशासन तंत्रों के माध्यम से ही संभव है।
योगी आदित्यनाथ ने राज्य सरकार द्वारा न्यायपालिका को सशक्त बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ई-कोर्ट्स, वैकल्पिक विवाद निपटान (ADR), साइबर लॉ प्रशिक्षण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, जैसे कि कक्षाएं, खेल परिसर और छात्रावास विकसित किए जा रहे हैं, साथ ही न्यायिक अधिकारियों, अभियोजकों, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के कौशल विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि प्रदेश में एकीकृत न्यायालय परिसरों (Integrated Court Complexes) का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें सभी स्तरों की अदालतें, अधिवक्ताओं के चेंबर और आवासीय सुविधाएं एक ही परिसर में होंगी। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय अब विश्वस्तरीय अवसंरचना का मॉडल बन गया है।
उन्होंने आगे बताया, “महिलाओं और बच्चों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए प्रदेश में 380 से अधिक फास्ट ट्रैक और पॉक्सो कोर्ट्स स्थापित किए गए हैं। साथ ही लोक अदालतों को भी सशक्त किया जा रहा है ताकि विवादों का शीघ्र और सौहार्दपूर्ण समाधान हो सके।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के हर पुलिस रेंज में फॉरेंसिक प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं और उत्तर प्रदेश राज्य फॉरेंसिक संस्थान युवाओं को विशेष प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है।
अंत में उन्होंने कहा कि सरकार ई-कोर्ट, ई-पुलिसिंग, ई-प्रॉसीक्यूशन और ई-फॉरेंसिक सेवाओं को एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने की दिशा में कार्य कर रही है, जिससे न्याय प्रणाली तेज़, पारदर्शी और प्रभावी बन सके।
