प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झांसी में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया

शिवानी रज़वारिया

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के झांसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झांसी को एक नई सौगात दी है। उन्होंने शनिवार की दोपहर केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कॉलेज और प्रशासनिक भवन का उद्घाटन कर झांसी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं दी। प्रधानमंत्री के द्वारा कृषि विश्वविद्यालय का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया गया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले रानी लक्ष्मीबाई को याद करते हुए कहा कि रानी लक्ष्मीबाई ने कभी भी बुंदेलखंड की धरती पर गर्जना की थी कि मैं मेरी झांसी नहीं दूंगी, अब बुंदेलखंड की धरती से इस गर्जना की आवश्यकता है  कि मेरी झांसी आत्मनिर्भर भारत को बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएगी। हम पूरी ताकत लगा देंगे। “

पीएम ने आगे कहा कि जब हम कृषि में आत्मनिर्भरता की बात करते हैं तो ये सिर्फ खाद्यान्न तक ही सीमित नहीं है। ये गांव की पूरी अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता की बात है। ये देश में खेती से पैदा होने वाले उत्पादों में वैल्यू एडिशन करके देश और दुनिया के बाजारों में पहुंचाने का मिशन है। कृषि में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य किसानों को एक उत्पादक के साथ ही उद्यमी बनाने का भी है। जब किसान और खेती, उद्योग के रूप में आगे बढ़ेगी तो बड़े स्तर पर गांव में और गांव के पास ही रोज़गार और स्वरोज़गार के अवसर तैयार होंगे। आज बीज से लेकर बाजार तक खेती को तकनीक से जोड़ने का, आधुनिक रिसर्च के फायदों को जोड़ने का निरंतर काम किया जा रहा है। इसमें बहुत बड़ी भूमिका रिसर्च संस्थानों और कृषि विश्वविद्यालयों की भी है। तीन और राष्ट्रीय संस्थान IARI-झारखंड, IARI-असम, और  मोतीहारी में Mahatma Gandhi Institute for Integrated Farming की स्थापना की जा रही है। ये छात्र छात्राओं को नए मौके देने के साथ स्थानीय किसानों तक तकनीक का ज्ञान पहुंचाने और उनकी क्षमता बढ़ाने का काम करेंगे।”

प्रधानमंत्री मोदी ने टिड्डी के हमले को वैज्ञानिक तरीके से संभालने को एक बड़ा काम बताते हुए कहा, “अब बीते मई में बुंदेलखंड में टिड्डी दल का हमला हुआ था। देश के 10 से ज्यादा राज्य इससे प्रभावित हुए थे। जिस तेजी से ये फैल रहा था उसमें पारंपरिक माध्यमों से इस पर काबू पाना मुश्किल था। इतने बड़े हमले को भारत ने वैज्ञानिक तरीके से संभाला है। ये बहुत बड़ा काम हुआ है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड की तारीफ में भी अपने शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा, “ड्रोन टेक्नॉलॉजी हो, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की टेक्नॉलॉजी हो, आधुनिक कृषि उपकरण हों, इसको देश की कृषि में अधिक से अधिक उपयोग में लाने के लिए आप जैसे युवा रिसर्चर्स को, युवा वैज्ञानिकों को निरंतर काम करना होगा। कोरोना के खिलाफ बुंदेलखंड के लोग भी डटे हुए हैं। सरकार ने भी प्रयास किया है कि लोगों को कम से कम दिक्कत हो। गरीब का चूल्हा जलता रहे, इसके लिए यूपी के करोड़ों गरीब और ग्रामीण परिवारों को देश के अन्य भागों की तरह मुफ्त राशन दिया जा रहा है। एक तरह से बुंलेदखंड में ‘जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान’ का मंत्र चारों दिशाओं में गूंजेगा। केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकार बुंदेलखंड की पुरातन पहचान को, इस धरती के गौरव को समृद्ध करने के लिए प्रतिबद्ध है।”   फिलहाल, प्रधानमंत्री ने कोरोना काल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया और साथ ही बुंदेलखंड की धरती पर कृषि क्षेत्र में एक नई नीव रखी है। झांसी में कृषि विश्वविद्यालय से उत्तर प्रदेश कृषि क्षेत्र में एक नई ऊर्जा की उपलब्धि प्राप्त करेगा इससे सिर्फ झांसी को ही नहीं पूरे राज्य को एक नई सौगात मिली है। आने वाले समय में छात्रों को के लिए यह प्रगति का मार्ग साबित होगा।

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