उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेशन पर सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा हमला, ‘राजनीतिक इस्लाम’ को बताया साजिश

चिरौरी न्यूज
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक बड़ी चेतावनी जारी करते हुए लोगों से ‘हलाल-प्रमाणित’ उत्पाद न खरीदने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने इन उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है और इनकी बिक्री से होने वाले मुनाफे का इस्तेमाल “आतंकवाद, जबरन धर्मांतरण और लव जिहाद” को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में गोरखपुर में आयोजित ‘विचार-परिवार कुटुंब स्नेह मिलन’ और ‘दीपोत्सव से राष्ट्रोत्सव’ कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए, आदित्यनाथ ने कहा: “जब भी आप कुछ खरीदें, तो सुनिश्चित करें कि उस पर हलाल प्रमाणन का टैग न लगा हो।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोई भी ऐसे उत्पाद बेचने की हिम्मत नहीं करेगा, और चेतावनी दी कि कैसे कई उत्पाद – साबुन, कपड़े, माचिस आदि – अब हलाल प्रमाणन के अंतर्गत आते हैं। उन्होंने दावा किया कि हलाल प्रमाणन प्रणाली को कोई आधिकारिक मान्यता नहीं मिलने के बावजूद, इससे ₹25,000 करोड़ की कमाई हो रही है।
आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘इस सारे धन का दुरुपयोग भारत में आतंकवाद, लव जिहाद और धर्मांतरण में किया जाता है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि हलाल सर्टिफिकेशन एक गहरी साजिश है, जिससे देश की जनसंख्या संरचना को बदलने की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, “यह एक साजिश है… इस पैसे का इस्तेमाल आतंकवाद, लव जिहाद और धर्मांतरण के लिए किया जा रहा है।”
योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि यह एक अनदेखा ऐतिहासिक पहलू है, जिसे अब उजागर किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि हलाल सर्टिफिकेशन का उद्देश्य न केवल आर्थिक शोषण है, बल्कि इसके जरिए आम लोगों को भ्रमित किया जाता है और धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा मिलता है।
सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश में हलाल प्रमाणित उत्पादों के उत्पादन, बिक्री और भंडारण पर प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य सरकार का कहना है कि हलाल सर्टिफिकेशन अवैध रूप से वित्तीय लाभ उठाने का जरिया बन गया है, जिससे उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी होती है।
मुख्यमंत्री ने एक धर्मांतरण रैकेट का भी जिक्र किया, जिसे एक व्यक्ति ‘जमालुद्दीन उर्फ चंगुर बाबा’ चला रहा था। योगी के अनुसार, यह रैकेट भी हलाल से जुड़े फंडिंग से संचालित हो रहा था।
इस पूरे मुद्दे के बीच सीएम योगी और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के बीच चल रही राजनीतिक लड़ाई भी और तेज हो गई है। धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों को लेकर दोनों नेताओं के बीच बयानबाज़ी तेज हो गई है, जिससे राज्य की राजनीति में नया मोड़ आ गया है।
